कार्नेगी समिट में भारत की डिजिटल डिप्लोमेसी को मिली वैश्विक मान्यता

ग्लोबल डिजिटल शासन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में भारत का बढ़ता प्रभाव कार्नेगी ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में सामने आया, जिसमें कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने सुरक्षित, इनक्लूसिव और इनोवेशन ड्रिवेन साइबरस्पेस को आकार देने में देश की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र किया. समिट के दौरान बोलते हुए, जर्मनी के विदेश कार्यालय में साइबर, विदेश और सुरक्षा नीति की डायरेक्टर मारिया अदेबहर ने उभरते डिजिटल क्षेत्र में भारत के रणनीतिक महत्व की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा कि यह समिट भारत के साथ संबंधों को गहरा करने का एक शानदार अवसर है. भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए भारत के साथ काम करना महत्वपूर्ण है. मारिया ने कहा कि दुनिया के लोकतंत्रों को एक ऐसा साइबरस्पेस बनाने के लिए सहयोग करना चाहिए जो सुरक्षित, पारदर्शी और सभी के लिए सुलभ हो.
हाईटेक डेवलपमेंट में सबसे आगे
मारिया अदेबहर ने इस बात पर जोर दिया कि एआई को इनक्लूसिव और सेफ्टी दोनों ही तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत अपनी आबादी, सेवाओं और डिजिटल सेवाओं के कारण एक बहुत अच्छा उदाहरण है. इससे पहले शिखर सम्मेलन के दौरान, स्वीडिश प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ निदेशक जॉन सिमंसन ने भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम और हाईटेक डेवलपमेंट में सबसे आगे होने की इसकी क्षमता की सराहना की. उन्होंने देश के मजबूत नॉलेज बेस और इनोवेशन के लिए अनुकूल परिस्थितियों का जिक्र किया, साथ ही छात्रों और उद्यमियों के लिए अधिक संस्थागत समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया.
भारत में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न
उन्होंने कहा कि उन्हें छात्रों और उद्यमियों के लिए इस तरह से आगे बढ़ना और काम करना आसान बनाना होगा. उन्होंने इस क्षेत्र के आगे बढ़ने में फाइनेंसिंग के महत्व की ओर भी इशारा करते हुए कहा, कुछ पूंजी की आवश्यकता है, लेकिन चूंकि भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न स्थित हैं, इसलिए स्टार्टअप इन क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं और ठीक वैसे ही कर सकते हैं जैसे डीपसीक कर रहा है.
रेगुलेशन को खत्म करने की अपील
संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राज शुक्ला ने कहा कि डीपसीक जैसे उपक्रमों में भारत की सफलता प्रतिभा-संचालित एल्गोरिथम इनोवेशन से उपजी है. उन्होंने भारत की पूरी क्षमता को उजागर करने के लिए रेगुलेशन को खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमें इनोवेशन की जरूरत है, लेकिन इनोवेशन और रेगुलेशन एक साथ नहीं चल सकते.
एआई में भारत का नेतृत्व
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रतिभाओं को सही मायने में आगे बढ़ने के लिए देश को काफी हद तक रेगुलेशन से मुक्त होना होगा. पूरे समिट के दौरान, प्रतिनिधियों ने इस बात पर जोर दिया कि डीप लर्निंग और एआई में भारत का नेतृत्व न केवल प्रतिभा और स्टार्टअप पर निर्भर करता है, बल्कि एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देने पर भी निर्भर करता है जो खुलेपन, प्रयोग और दीर्घकालिक निवेश को महत्व देता है.