चालान से भरा सरकारी खजाना, जनता के हिस्से में सिर्फ धक्का और जाम
इंदौर। इंदौर में जनता ट्रैफिक जाम से परेशान है और पुलिस का पूरा ध्यान सिर्फ चालान काटने पर है। ध्यान देने वाली बात यह है कि जिन भी क्षेत्रों में जाम लग रहा है वहां पर न तो पुलिसकर्मी मौजूद हैं न ही कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि सुध ले रहा है। पूरा शहर रेंग रहा है और जनप्रतिनिधि रैलियों में व्यस्त हैं। कल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के आगमन पर भी पूरा शहर जाम रहा। तीन घंटे तक लोग जाम में फंसे रहे और नेता शक्ति प्रदर्शन करते रहे।
विशेष टीमें बना दी हैं, जल्दी सुधार दिखेगा
एडिशनल डीएसपी ट्रैफिक संतोष कौल ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि हमने लगतार हो रहे ट्रैफिक जाम से बचने के लिए दो विशेष टीमें बनाई हैं। दोनों टीमों में 20 से 22 पुलिसकर्मी मौजूद हैं। विजय नगर, गिटार चौराहा, मधुमिलन, रसोमा, गंगवाल और कलेक्टर कार्यालय के क्षेत्र में लगातार जाम लग रहा है। बारिश के कारण भी जाम अधिक लग रहा है। जल्द ही स्थिति में सुधार हो जाएगा।
पुलिस का खजाना बढ़ता जा रहा
इंदौर में ट्रैफिक पुलिस ने मार्च अंत से जीरो टॉलरेंस की कार्रवाई शुरू की है। इसके अनुसार ट्रैफिक का कोई भी नियम तोड़ने पर कोई माफीनामा नहीं चलेगा सीधे चालान कटेगा। इस कार्रवाई ने यातायात पुलिस के खजाने को जरूर भर दिया है। बीते छह महीने में यातायात पुलिस चालानी कार्रवाई से 2 करोड़ 91 लाख 80 हजार 500 रुपए वसूल चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा चालान बिना हेलमेट और नंबर प्लेट के बनाए गए हैं। बीते साल जून तक हुई कार्रवाई से चालान का आंकड़ा भी इस साल दोगुना से ज्यादा है।
जाम से जूझ रहे लोग, पुलिस गायब
आर्किटेक्ट अतुल सेठ ने कहा कि शहर में हर दिन जाम लग रहा है और ट्रैफिक पुलिस जाम वाली जगह पर कभी भी नजर नहीं आती। नेताओं की रैलियां और कार्यक्रम इन परेशानियों में और भी आग में घी डालने का काम करते हैं। कलेक्टर खुद कह चुके हैं कि पुलिस अब ट्रैफिक चालान नहीं काटेगी बल्कि ट्रैफिक जाम खुलवाने पर ध्यान देगी लेकिन इसके बावजूद भी जाम वाली जगहों पर पुलिस नदारद ही है।
चौतरफा चालानी कार्रवाई चल रही
ट्रैफिक पुलिस का जोर आईटीएमएस के बने चालानों के शुल्क को वसूलने में हैं। इसके लिए विभाग और स्मार्ट सिटी मिलकर एजेंसी के साथ सिस्टम को आसान बनाने में लगे हैं। फिलहाल पीओएस मशीन से भी हर चौराहे पर चालान भरे जा रहे हैं, लेकिन हर दिन बनने वाले औसत चालानों के मुकाबले भरने वालों की संख्या एक से दो फीसदी ही है, जिसके चलते चालानों का समन शुल्क करोड़ों में बकाया है। इसके लिए विभाग रियल टाइम एक्शन फॉर्मूला भी लागू कर चुका है, लेकिन बल की कमी के कारण ये भी सफल नहीं हुआ।
34 हजार चालान बिना हेलमेट वाले
ट्रैफिक पुलिस ने मार्च अंत से शहर के प्रमुख चार बड़े चौराहों पर जीरो टॉलरेंस शुरू किया था, जो बाद में आठ चौराहों पर किया गया। इसमें नियम तोड़ने वालों के चालान बनाने के साथ ही उन्हें अलग-अलग तरह की सजा देकर नियमपालन करने के लिए जागरूक किया गया। इस साल अब तक विभाग 67 हजार 830 चालान बना चुका है, जिसमें सबसे ज्यादा चालान 34161 बिना हेलमेट के बनाए गए हैं। इसके बाद 10305 नंबर प्लेट के और फिर 6520 संकेत उल्लंघन के, जबकि पिछले साल जनवरी 2024 से जून 2024 तक विभाग ने 30 हजार 89 चालान बनाकर 1 करोड़ 28 लाख 35 हजार 250 का समन शुल्क वसूला था। यानी विभाग ने पिछले साल के मुकाबले अब तक इस साल 1 करोड़ 63 लाख 45 हजार 250 का समन शुल्क ज्यादा वसूला है। विभाग ने इस साल तीन सवारी के 1575, सीट बेल्ट के 2311, ब्लैक फिल्म के 3491 और शराब के 492 चालान के अलावा अन्य धाराओं में चालान बनाए हैं।
यहां जाम से परेशान हैं लोग
रालामंडल
बंगाली चौराहा
रेलवे स्टेशन
फोनिक्स बायपास
पालदा
देवास नाका
खंडवा रोड
सांवेर उज्जैन रोड