भोपाल। राजधानी में सोमवार को राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (SEIAA) के चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान का कार्यालय अचानक सील कर दिया गया। जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी के निर्देश पर की गई थी। हालांकि दोपहर 3:30 बजे वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद कार्यालय का ताला खोल दिया गया। वहीं, एप्को के प्रशासनिक अधिकारी की तरफ से बताय ागय ाकि विद्युत फॉल्ट आने के कारण वरिष्ठ अधिकारियों के कक्ष बंद किए गए थे। 

चेयरमैन चौहान ने कहा कि उन्होंने पर्यावरणीय स्वीकृतियों में भ्रष्टाचार उजागर किया था, जिससे बौखलाकर यह कदम उठाया गया। उनका आरोप है कि प्रमुख सचिव और एप्को की सदस्य सचिव आर. उमा माहेश्वरी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना SEIAA की बैठक के ही चुनिंदा 237 परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी, जबकि 450 से अधिक फाइलें लंबित थीं। उन्होंने बताया कि 65 दिनों से SEIAA की बैठक नहीं हुई और जब वे कार्यालय पहुंचे तो ताला लगा मिला। जब उन्होंने कारण पूछा तो बताया गया कि निर्देश है कि वे ऑफिस में न बैठें। इस पर उन्होंने मुख्य सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखकर पूरे मामले की शिकायत की।

चौहान का कहना है कि बिना अधिकृत समिति की मंजूरी के दी गई पर्यावरणीय स्वीकृतियां गैरकानूनी हैं और इसमें पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दोषियों पर FIR की मांग की है। बता दें इस विवाद की शुरुआत 23 मई को हुई थी, जब एप्को के प्रभारी सदस्य सचिव श्रीमन शुक्ला ने प्रमुख सचिव के अनुमोदन से 450 मामलों में डीम्ड पर्यावरणीय मंजूरी जारी कर दी। इनमें से 200 से अधिक मामले खनिज विभाग से जुड़े हैं। चौहान ने इस पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को शिकायत भेज दी थी। 

एप्को कार्यालय में विद्युत फॉल्ट के कारण बंद किये गये थे कक्ष
एप्को के प्रशासनिक अधिकारी मनोहर पाटिल ने बताया कि पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) कार्यालय भवन में रविवार 13 जुलाई के दिन विद्युत फॉल्ट आने के कारण सिया अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिकारियों के कक्ष बंद किये गये थे। प्रारंभिक सुधार के बाद सोमवार 14 जुलाई को कुछ समय बाद कक्ष पुन: खोल दिये गये।