25 साल बाद फिर पदयात्रा पर 'पांव-पांव वाले भैया' शिवराज, विदिशा से होगी शुरुआत

भोपाल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान अब देशाटन (मतलब यात्रा करना) पर निकल रहे हैं. वे चार दिन बाद से पदयत्रा शुरू करेंगे. उनकी अपनी विदिशा संसदीय क्षेत्र से ये पदयात्रा 25 मई से शुरू होगी. जिसमें हर दिन वे 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलेंगे. यात्रा सप्ताह में दो से तीन दिन चलेगी. अपनी लोकसभा सीट विदिशा की हर विधानसभा तक ये यात्रा पहुंचेगी.
विदिशा के बाद देश की अन्य लोकसभा सीटों तक पहुंचेंगे
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान 25 मई से जो पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं. इसकी शुरुआत भले उनकी अपनी विदिशा संसदीय सीट से हो, लेकिन इसके बाद देश के अन्य लोकसभा क्षेत्रों में भी शिवराज सिंह पदयात्रा निकालेंगे. शिवराज सिंह का कहना है कि "पदयात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचाने की दिशा में की गई एक पहल है. शिवराज यात्रा के दौरान गांवों में ही रुकेंगे. वहीं विभिन्न वर्गों से संवाद कर योजनाओं की जानकारी देंगे और मौके पर ही लोगों की समस्याओं का निराकरण करेंगे.
योजनाओं की जानकारी जन जन तक पहुंचाएंगे
इस पदयात्रा के जरिए केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देंगे. लाभार्थियों से संवाद करेंगे और योजनाओं का असर कितना हुआ है, इसकी जानकारी भी लेंगे. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आत्मनिर्भरता और समग्र विकास की ओर अग्रसर है. मेरी पदयात्रा का उद्देश्य है कि केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और हर गांव, किसान, महिला सशक्त बने.इसके लिए हम कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. डायरेक्ट बेनिफिट वाली योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, महिला सशक्तिकरण की योजनाएं, ग्रामीण सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, डिजिटल इंडिया, और स्वरोजगार से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी आमजन तक पहुंचाई जाएगी.
लाभार्थियों से करेंगे सीधा संवाद
शिवराज सिंह चौहान लाभार्थियों से मिलकर योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत जानेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे. इसमें स्थानीय भागीदारी भी रहेगी. साथ ही, कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्रालयों के अधिकारियों के अलावा पंचायत प्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूह, किसान संगठन, महिला मंडल आदि को भी यात्रा में शामिल कर सबकी सहभागिता की जाएगी और योजनाओं के प्रभाव को व्यापक बनाया जाएगा.