बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कोलनार इलाके में शनिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को मार गिराया। यह कार्रवाई सीआरपीएफ की 202 कोबरा और 210 कोबरा इकाई, राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की संयुक्त टीम ने की। सीआरपीएफ के मुताबिक मुठभेड़ के दौरान जवान पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी के घायल होने की खबर नहीं है। इलाके में अभी भी रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है और सतर्कता के साथ ऑपरेशन को आगे बढ़ाया जा रहा है। 

सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई को नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है और अन्य नक्सलियों की तलाश की जा रही है। गोलीबारी जारी, और शव बरामद होने की संभावना: दरअसल सीआरपीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि शनिवार सुबह साढ़े नौ बजे सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान चलाकर एक नक्सली को मार गिराया है। सीआरपीएफ की 202 कोबरा और 210 कोबरा इकाइयों, छत्तीसगढ़ पुलिस के विशेष कार्य बल और जिला रिजर्व गार्ड की मौजूदगी में यह ऑपरेशन चल रहा है। किसी भी जवान के घायल होने की खबर नहीं है। रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है।

इंद्रावती नदी के जंगलों में मुठभेड़

पीटीआई की खबर में छत्तीसगढ़ पुलिस के हवाले से बताया गया कि नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के इंद्रावती क्षेत्र के अंतर्गत जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए। उन्होंने बताया कि इंद्रावती नदी क्षेत्र के अंतर्गत जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर सुरक्षा बलों को नक्सल विरोधी अभियान पर भेजा गया था।

नक्सलियों को भारी नुकसान की संभावना

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान आज सुबह करीब नौ बजे सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई और सुरक्षा बलों ने अब तक मौके से दो नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। उन्होंने कहा, "इलाके में सुबह से ही रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है। मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है। इलाके में तलाशी अभियान जारी है।" नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशनः यह मुठभेड़ ऐसे समय हुई है, जब राज्य सरकार लगातार नक्सल विरोधी अभियान तेज कर रही है। हाल ही में दंतेवाड़ा में 26 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें से तीन पर नकद इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण की यह घटना डीआरजी मुख्यालय में हुई और यह 'लोन वर्राटू' (घर वापसी) अभियान का हिस्सा था। 

मुख्यमंत्री का शांति और विकास का संदेश

10 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीडिया से बातचीत में शांति और विकास के रास्ते पर चलने का संदेश दिया था सीएम साय ने कहा, "हमने शुरू से ही नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण का रास्ता खुला रखा है। हम बार-बार अपील कर रहे हैं कि आप बंदूक और गोली की भाषा छोड़कर विकास के रास्ते पर आइए। सरकार आपको न्याय देगी और रोजगार से जोड़ेगी।"