अगर बीमारियां नहीं छोड़ रही हैं पीछा, तो धारण करें यह धातु, मिलेगा आराम!
अक्सर हमने देखा है कि लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि उनके द्वारा किस धातु का प्रयोग किया जाए. लोग पूछते हैं कि सोना या चांदी या अन्य कोई धातु उनके लिए शुभ है या नहीं. आज हम आपको सभी धातुओं के अलग-अलग लाभ बताने जा रहे हैं. यदि आपको कोई बीमारी लगी रहती है तो आप अपनी सुविधा और बीमारी के अनुसार उसे धातु का अपने ऊपर प्रयोग कर सकते हैं. आईए जानते हैं किस बीमारी में हमें किस धातु का प्रयोग करना चाहिए.
यदि कोई व्यक्ति सोने की अंगूठी अनामिका उंगली में पहना है इससे उसका ब्लड सर्कुलेशन अच्छा हो जाता है और दिल मजबूत होता है.
चांदी की पायल मस्तिष्क में शीतलता देता है इसलिए पैरों में चांदी की पायल पहनने से शरीर की गर्मी संतुलित रहती है और मासिक धर्म में नियमितता बनी रहती है.
कलाई में तांबे का कड़ा पहनने से व्यक्ति का रक्त शुद्ध होता है और टॉक्सिन बाहर निकलने लगते हैं.
यदि आप अपने हाथ में पीतल की एक चूड़ी पहनते हैं तो इससे आपकी सांस से संबंधित समस्या खत्म हो जाती है और फेफड़े मजबूत होते हैं.
मन की शांति के लिए व्यक्ति को अपने गले में भारत की माला पहननी चाहिए. इससे उसका ध्यान और मजबूत हो जाता है.
दाहिने हाथ की कलाई में यदि आप कांसे का कड़ा पहनते हैं तो इससे आपकी याददाश्त तेज हो जाएगी. छात्रों का पढ़ाई में मन लगने लगेगा.
किसी भी हाथ की मध्यमा उंगली में लोहे की रिंग पहनने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और शारीरिक कमजोरी दूर होती है.
तर्जनी उंगली में जस्ता की अंगूठी पहनने से घाव जल्दी भर जाता है और किसी भी प्रकार का संक्रमण नहीं होता है. डायबिटीज से पीड़ित लोग इस अंगूठी को पहने इससे उनकी चोट आदि के घाव शीघ्र भर जाएंगे.
यदि आपके मन में सदैव ही नकारात्मक विचार आते हैं या रात में सोते समय खराब सपने आते हैं तो आपको गले में पंचधातु की माला पहननी चाहिए. इससे आपके अंदर से नकारात्मकता दूर हो जाएगी.
यदि किसी व्यक्ति को एजिंग की समस्या है तो उसे प्लैटिनम का लॉकेट पहनना चाहिए. लॉकेट सदैव ही हृदय के पास रहना चाहिए. इससे आपकी चेहरे पर भी चमक बढ़ जाएगी.
यदि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार रहता है तो उसे गले में चांदी की माला पहनना चाहिए.इससे उसका तनाव कम होगा और मानसिक शांति मिलेगी.